महाभारतम् — 15.45.39
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच एतत् श्रुत्वा तु सर्वेषाम् पाण्डवानाम् महात्मनाम् निर्याणम् धृतराष्ट्रस्य शोकः समभवत् महान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| तु | तु | pos=i |
| सर्वेषाम् | सर्व | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| पाण्डवानाम् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| महात्मनाम् | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| निर्याणम् | निर्याण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| धृतराष्ट्रस्य | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| शोकः | शोक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| समभवत् | सम्भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| महान् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |