Original

त्वां चापि श्रेयसा योक्ष्ये नचिराद्भरतर्षभ ।संशयच्छेदनार्थं हि प्राप्तं मां विद्धि पुत्रक ॥ २३ ॥

Segmented

त्वाम् च अपि श्रेयसा योक्ष्ये नचिराद् भरत-ऋषभ संशय-छेदन-अर्थम् हि प्राप्तम् माम् विद्धि पुत्रक

Analysis

Word Lemma Parse
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
pos=i
अपि अपि pos=i
श्रेयसा श्रेयस् pos=n,g=n,c=3,n=s
योक्ष्ये युज् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
नचिराद् नचिरात् pos=i
भरत भरत pos=n,comp=y
ऋषभ ऋषभ pos=n,g=m,c=8,n=s
संशय संशय pos=n,comp=y
छेदन छेदन pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
हि हि pos=i
प्राप्तम् प्राप् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
विद्धि विद् pos=v,p=2,n=s,l=lot
पुत्रक पुत्रक pos=n,g=m,c=8,n=s