महाभारतम् — 15.33.4
Original
Segmented
अरि-मध्य-स्थ-मित्रेषु वर्तसे च अनुरूपतस् ब्राह्मणान् अग्रहारैः वा यथावद् अनुपश्यसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अरि | अरि | pos=n,comp=y |
मध्य | मध्य | pos=n,comp=y |
स्थ | स्थ | pos=a,comp=y |
मित्रेषु | मित्र | pos=n,g=m,c=7,n=p |
वर्तसे | वृत् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |
अनुरूपतस् | अनुरूपतस् | pos=i |
ब्राह्मणान् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अग्रहारैः | अग्रहार | pos=n,g=m,c=3,n=p |
वा | वा | pos=i |
यथावद् | यथावत् | pos=i |
अनुपश्यसि | अनुपश् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |