महाभारतम् — 14.93.53
Original
Segmented
श्वशुर उवाच अनेन नित्यम् साध्वी त्वम् शील-वृत्तेन शोभसे या त्वम् धर्म-व्रत-उपेता गुरु-वृत्तिम् अवेक्षसे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
श्वशुर | श्वशुर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अनेन | इदम् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
साध्वी | साधु | pos=a,g=f,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
शील | शील | pos=n,comp=y |
वृत्तेन | वृत्त | pos=n,g=n,c=3,n=s |
शोभसे | शुभ् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
या | यद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
व्रत | व्रत | pos=n,comp=y |
उपेता | उपे | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
वृत्तिम् | वृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अवेक्षसे | अवेक्ष् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |