महाभारतम् — 14.9.35
Original
Segmented
वृत्ताः स्थूला रजत-स्तम्भ-वर्णाः दंष्ट्र चतस्रः द्वे शते योजनानाम् स त्वाम् दन्तान् विदशन्न् अभ्यधावज् जिघांसया शूलम् उद्यम्य घोरम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वृत्ताः | वृत्त | pos=a,g=f,c=1,n=p |
स्थूला | स्थूल | pos=a,g=f,c=1,n=p |
रजत | रजत | pos=n,comp=y |
स्तम्भ | स्तम्भ | pos=n,comp=y |
वर्णाः | वर्ण | pos=n,g=f,c=1,n=p |
दंष्ट्र | दंष्ट्र | pos=n,g=f,c=1,n=p |
चतस्रः | चतुर् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
द्वे | द्वि | pos=n,g=n,c=1,n=d |
शते | शत | pos=n,g=n,c=1,n=d |
योजनानाम् | योजन | pos=n,g=n,c=6,n=p |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
दन्तान् | दन्त | pos=n,g=m,c=2,n=p |
विदशन्न् | विदंश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
अभ्यधावज् | अभिधाव् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
जिघांसया | जिघांसा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
शूलम् | शूल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उद्यम्य | उद्यम् | pos=vi |
घोरम् | घोर | pos=a,g=n,c=2,n=s |