महाभारतम् — 14.9.31
Original
Segmented
अग्निः उवाच यत्र शर्यातिम् च्यवनो याजयिष्यन् सह अश्विभ्याम् सोमम् अगृह्णद् एकः तम् त्वम् क्रुद्धः प्रत्यषेधीः पुरस्तात् शर्याति-यज्ञम् स्मर तम् महा-इन्द्र
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यत्र | यत्र | pos=i |
शर्यातिम् | शर्याति | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च्यवनो | च्यवन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
याजयिष्यन् | याजय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
सह | सह | pos=i |
अश्विभ्याम् | अश्विन् | pos=n,g=m,c=3,n=d |
सोमम् | सोम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अगृह्णद् | ग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
एकः | एक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
क्रुद्धः | क्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रत्यषेधीः | प्रतिषिध् | pos=v,p=2,n=s,l=lun |
पुरस्तात् | पुरस्तात् | pos=i |
शर्याति | शर्याति | pos=n,comp=y |
यज्ञम् | यज्ञ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स्मर | स्मृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |