महाभारतम् — 14.9.28
Original
Segmented
अग्निः उवाच दिवम् देव-इन्द्र पृथिवीम् च एव सर्वाम् संवेष्टयेः त्वम् स्व-बलेन एव शक्र एवंविधस्य इह सतः ते असौ कथम् वृत्रः त्रिदिवम् प्राग् जहार
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दिवम् | दिव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
देव | देव | pos=n,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
पृथिवीम् | पृथिवी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
सर्वाम् | सर्व | pos=n,g=f,c=2,n=s |
संवेष्टयेः | संवेष्टय् | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
बलेन | बल | pos=n,g=n,c=3,n=s |
एव | एव | pos=i |
शक्र | शक्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
एवंविधस्य | एवंविध | pos=a,g=m,c=6,n=s |
इह | इह | pos=i |
सतः | अस् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
असौ | अदस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कथम् | कथम् | pos=i |
वृत्रः | वृत्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्रिदिवम् | त्रिदिव | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्राग् | प्राक् | pos=i |
जहार | हृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |