महाभारतम् — 14.8.34
Original
Segmented
स तप्यमानो वैवर्ण्यम् कृश-त्वम् च अगमत् परम् भविष्यति हि मे शत्रुः संवर्तो वसुमान् इति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तप्यमानो | तप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वैवर्ण्यम् | वैवर्ण्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कृश | कृश | pos=a,comp=y |
त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
अगमत् | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
परम् | पर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
हि | हि | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
शत्रुः | शत्रु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
संवर्तो | संवर्त | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वसुमान् | वसुमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |