महाभारतम् — 14.8.32
Original
Segmented
व्यास उवाच इति उक्तवान् स वचः तस्य चक्रे कारंधम-आत्मजः ततो ऽतिमानुषम् सर्वम् चक्रे यज्ञस्य संविधिम् सौवर्णानि च भाण्डानि संचक्रुः तत्र शिल्पिनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
व्यास | व्यास | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
इति | इति | pos=i |
उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
चक्रे | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कारंधम | कारंधम | pos=n,comp=y |
आत्मजः | आत्मज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ततो | ततस् | pos=i |
ऽतिमानुषम् | अतिमानुष | pos=a,g=m,c=2,n=s |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=s |
चक्रे | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यज्ञस्य | यज्ञ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
संविधिम् | संविधि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सौवर्णानि | सौवर्ण | pos=a,g=n,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
भाण्डानि | भाण्ड | pos=n,g=n,c=2,n=p |
संचक्रुः | संकृ | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
तत्र | तत्र | pos=i |
शिल्पिनः | शिल्पिन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |