Original

एवं शुश्राव वदतां गिरो जिष्णुरुदारधीः ।स्वस्ति तेऽस्तु व्रजारिष्टं पुनश्चैहीति भारत ॥ १३ ॥

Segmented

एवम् शुश्राव वदताम् गिरो जिष्णुः उदार-धीः स्वस्ति ते ऽस्तु व्रज अरिष्टम् पुनः च एहि इति भारत

Analysis

Word Lemma Parse
एवम् एवम् pos=i
शुश्राव श्रु pos=v,p=3,n=s,l=lit
वदताम् वद् pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part
गिरो गिर् pos=n,g=f,c=2,n=p
जिष्णुः जिष्णु pos=n,g=m,c=1,n=s
उदार उदार pos=a,comp=y
धीः धी pos=n,g=m,c=1,n=s
स्वस्ति स्वस्ति pos=n,g=n,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=4,n=s
ऽस्तु अस् pos=v,p=3,n=s,l=lot
व्रज व्रज् pos=v,p=2,n=s,l=lot
अरिष्टम् अरिष्ट pos=a,g=n,c=2,n=s
पुनः पुनर् pos=i
pos=i
एहि pos=v,p=2,n=s,l=lot
इति इति pos=i
भारत भारत pos=n,g=m,c=8,n=s