महाभारतम् — 14.67.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच एवम् उक्तवान् तु राज-इन्द्र केशि-हा दुःख-मूर्छितः तथा इति व्याजहार उच्चैस् ह्लादयन्न् इव तम् जनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एवम् | एवम् | pos=i |
उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
केशि | केशिन् | pos=n,comp=y |
हा | हन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
मूर्छितः | मूर्छय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तथा | तथा | pos=i |
इति | इति | pos=i |
व्याजहार | व्याहृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
उच्चैस् | उच्चैस् | pos=i |
ह्लादयन्न् | ह्लादय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जनम् | जन | pos=n,g=m,c=2,n=s |