Original

उत्तङ्क उवाच ।ब्रूहि केशव तत्त्वेन त्वमध्यात्ममनिन्दितम् ।श्रुत्वा श्रेयोऽभिधास्यामि शापं वा ते जनार्दन ॥ १ ॥

Segmented

उत्तङ्क उवाच ब्रूहि केशव तत्त्वेन त्वम् अध्यात्मम् अनिन्दितम् श्रुत्वा श्रेयो ऽभिधास्यामि शापम् वा ते जनार्दन

Analysis

Word Lemma Parse
उत्तङ्क उत्तङ्क pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
केशव केशव pos=n,g=m,c=8,n=s
तत्त्वेन तत्त्व pos=n,g=n,c=3,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
अध्यात्मम् अध्यात्म pos=n,g=n,c=2,n=s
अनिन्दितम् अनिन्दित pos=a,g=n,c=2,n=s
श्रुत्वा श्रु pos=vi
श्रेयो श्रेयस् pos=n,g=n,c=2,n=s
ऽभिधास्यामि अभिधा pos=v,p=1,n=s,l=lrt
शापम् शाप pos=n,g=m,c=2,n=s
वा वा pos=i
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
जनार्दन जनार्दन pos=n,g=m,c=8,n=s