महाभारतम् — 14.19.29
Original
Segmented
सम्यग् युक्त्वा यदा आत्मानम् आत्मनि एव प्रपश्यति तदा एव न स्पृहयते साक्षाद् अपि शतक्रतोः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सम्यग् | सम्यक् | pos=i |
| युक्त्वा | युज् | pos=vi |
| यदा | यदा | pos=i |
| आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आत्मनि | आत्मन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| प्रपश्यति | प्रपश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तदा | तदा | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| न | न | pos=i |
| स्पृहयते | स्पृहय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| साक्षाद् | साक्षात् | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| शतक्रतोः | शतक्रतु | pos=n,g=m,c=6,n=s |