महाभारतम् — 14.18.31
Original
Segmented
यत् च किंचित् सुखम् तत् च सर्वम् दुःखम् इति स्मरन् संसार-सागरम् घोरम् तरिष्यति सु दुस्तरम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| किंचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| स्मरन् | स्मृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| संसार | संसार | pos=n,comp=y |
| सागरम् | सागर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| घोरम् | घोर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| तरिष्यति | तृ | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| सु | सु | pos=i |
| दुस्तरम् | दुस्तर | pos=a,g=m,c=2,n=s |