महाभारतम् — 14.16.42
Original
Segmented
भृशम् प्रीतो ऽस्मि भवतः चारित्रेन विचक्षण परिपृच्छ यावद् भवते भाषेयम् यत् ते ईप्सितम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भृशम् | भृशम् | pos=i |
| प्रीतो | प्री | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ऽस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| भवतः | भवत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| चारित्रेन | चारित्र | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| विचक्षण | विचक्षण | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| परिपृच्छ | परिप्रच्छ् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| यावद् | यावत् | pos=i |
| भवते | भवत् | pos=a,g=m,c=4,n=s |
| भाषेयम् | भाष् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| ईप्सितम् | ईप्सय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |