महाभारतम् — 14.11.3
Original
Segmented
निर्विण्ण-मनसम् पार्थम् ज्ञात्वा वृष्णि-कुल-उद्वहः आश्वासयन् धर्मसुतम् प्रवक्तुम् उपचक्रमे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| निर्विण्ण | निर्विण्ण | pos=a,comp=y |
| मनसम् | मनस् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पार्थम् | पार्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| ज्ञात्वा | ज्ञा | pos=vi |
| वृष्णि | वृष्णि | pos=n,comp=y |
| कुल | कुल | pos=n,comp=y |
| उद्वहः | उद्वह | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| आश्वासयन् | आश्वासय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| धर्मसुतम् | धर्मसुत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| प्रवक्तुम् | प्रवच् | pos=vi |
| उपचक्रमे | उपक्रम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |