महाभारतम् — 13.94.31
Original
Segmented
जमदग्निः उवाच प्रतिग्रहे संयमो वै तपो धारयते ध्रुवम् तद् धनम् ब्राह्मणस्य इह लुभ्यमानस्य विस्रवेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जमदग्निः | जमदग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
प्रतिग्रहे | प्रतिग्रह | pos=n,g=m,c=7,n=s |
संयमो | संयम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वै | वै | pos=i |
तपो | तपस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
धारयते | धारय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ध्रुवम् | ध्रुवम् | pos=i |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
धनम् | धन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ब्राह्मणस्य | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
इह | इह | pos=i |
लुभ्यमानस्य | लुभ् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
विस्रवेत् | विस्रु | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |