महाभारतम् — 13.90.38
Original
Segmented
ब्राह्मणो हि अनधीयानः तृण-अग्निः इव शाम्यति तस्मै श्राद्धम् न दातव्यम् न हि भस्मनि हूयते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ब्राह्मणो | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| अनधीयानः | अनधीयान | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| तृण | तृण | pos=n,comp=y |
| अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| शाम्यति | शम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तस्मै | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| श्राद्धम् | श्राद्ध | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| दातव्यम् | दा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| न | न | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| भस्मनि | भस्मन् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| हूयते | हु | pos=v,p=3,n=s,l=lat |