महाभारतम् — 13.90.36
Original
Segmented
तस्मात् मित्रम् श्राद्ध-कृत् न आद्रियेत दद्यात् मित्रेभ्यः संग्रह-अर्थम् धनानि यम् मन्यते न एव शत्रुम् न मित्रम् तम् मध्यस्थम् भोजयेत् हव्य-कव्ये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
मित्रम् | मित्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्राद्ध | श्राद्ध | pos=n,comp=y |
कृत् | कृत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
आद्रियेत | आदृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
दद्यात् | दा | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
मित्रेभ्यः | मित्र | pos=n,g=m,c=4,n=p |
संग्रह | संग्रह | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
धनानि | धन | pos=n,g=n,c=2,n=p |
यम् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मन्यते | मन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
न | न | pos=i |
एव | एव | pos=i |
शत्रुम् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
मित्रम् | मित्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मध्यस्थम् | मध्यस्थ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
भोजयेत् | भोजय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
हव्य | हव्य | pos=n,comp=y |
कव्ये | कव्य | pos=n,g=n,c=2,n=d |