महाभारतम् — 13.90.17
Original
Segmented
यावत् हि अपङ्क्त्यः पङ्क्त्याम् वै भुञ्जानान् अनुपश्यति तावत् फलाद् भ्रंशयति दातारम् तस्य बालिशम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यावत् | यावत् | pos=i |
हि | हि | pos=i |
अपङ्क्त्यः | अपङ्क्त्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
पङ्क्त्याम् | पङ्क्ति | pos=n,g=f,c=7,n=s |
वै | वै | pos=i |
भुञ्जानान् | भुज् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
अनुपश्यति | अनुपश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तावत् | तावत् | pos=i |
फलाद् | फल | pos=n,g=n,c=5,n=s |
भ्रंशयति | भ्रंशय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
दातारम् | दातृ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
बालिशम् | बालिश | pos=a,g=m,c=2,n=s |