Original

वेदव्रती स्याद्वृषभप्रदाता वेदावाप्तिर्गोयुगस्य प्रदाने ।तीर्थावाप्तिर्गोप्रयुक्तप्रदाने पापोत्सर्गः कपिलायाः प्रदाने ॥ ४९ ॥

Segmented

वेद-व्रती स्याद् वृषभ-प्रदाता वेद-अवाप्ति गो युगस्य प्रदाने तीर्थ-अवाप्तिः गो प्रयुक्त-प्रदाने पाप-उत्सर्गः कपिलायाः प्रदाने

Analysis

Word Lemma Parse
वेद वेद pos=n,comp=y
व्रती व्रतिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
स्याद् अस् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
वृषभ वृषभ pos=n,comp=y
प्रदाता प्रदातृ pos=a,g=m,c=1,n=s
वेद वेद pos=n,comp=y
अवाप्ति अवाप्ति pos=n,g=m,c=1,n=s
गो गो pos=i
युगस्य युग pos=n,g=n,c=6,n=s
प्रदाने प्रदान pos=n,g=n,c=7,n=s
तीर्थ तीर्थ pos=n,comp=y
अवाप्तिः अवाप्ति pos=n,g=f,c=1,n=s
गो गो pos=i
प्रयुक्त प्रयुज् pos=va,comp=y,f=part
प्रदाने प्रदान pos=n,g=n,c=7,n=s
पाप पाप pos=n,comp=y
उत्सर्गः उत्सर्ग pos=n,g=m,c=1,n=s
कपिलायाः कपिला pos=n,g=f,c=6,n=s
प्रदाने प्रदान pos=n,g=n,c=7,n=s