महाभारतम् — 13.70.43
Original
Segmented
शापो हि अयम् भवतो ऽनुग्रहाय प्राप्तो मया यत्र दृष्टो यमो मे दान-व्युष्टिम् तत्र दृष्ट्वा महार्थाम् निःसंदिग्धम् दान-धर्मान् चरिष्ये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शापो | शाप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवतो | भवत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
ऽनुग्रहाय | अनुग्रह | pos=n,g=m,c=4,n=s |
प्राप्तो | प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
दृष्टो | दृश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
यमो | यम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
दान | दान | pos=n,comp=y |
व्युष्टिम् | व्युष्टि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
महार्थाम् | महार्थ | pos=a,g=f,c=2,n=s |
निःसंदिग्धम् | निःसंदिग्ध | pos=a,g=n,c=2,n=s |
दान | दान | pos=n,comp=y |
धर्मान् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=p |
चरिष्ये | चर् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |