महाभारतम् — 13.70.10
Original
Segmented
पित्र्येन अश्रु-प्रपातेन नाचिकेतः कुरु-उद्वह प्रास्पन्दत् शयने कौश्ये वृष्ट्या सस्यम् इव आप्लुतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पित्र्येन | पित्र्य | pos=a,g=m,c=3,n=s |
अश्रु | अश्रु | pos=n,comp=y |
प्रपातेन | प्रपात | pos=n,g=m,c=3,n=s |
नाचिकेतः | नाचिकेत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
उद्वह | उद्वह | pos=n,g=m,c=8,n=s |
प्रास्पन्दत् | प्रस्पन्द् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
शयने | शयन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
कौश्ये | कौश्य | pos=a,g=n,c=7,n=s |
वृष्ट्या | वृष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
सस्यम् | सस्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
आप्लुतम् | आप्लु | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |