महाभारतम् — 13.6.43
Original
Segmented
यथा अग्निः पवन-उद्धूतः सूक्ष्मो ऽपि भवते महान् तथा कर्म-समायुक्तम् दैवम् साधु विवर्धते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यथा | यथा | pos=i |
| अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पवन | पवन | pos=n,comp=y |
| उद्धूतः | उद्धू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| सूक्ष्मो | सूक्ष्म | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| भवते | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| महान् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| तथा | तथा | pos=i |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
| समायुक्तम् | समायुज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| दैवम् | दैव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| साधु | साधु | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| विवर्धते | विवृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |