महाभारतम् — 13.6.3
Original
Segmented
दैव-मानुषयोः किम् स्वित् कर्मणोः श्रेष्ठम् इति उत पुरा वसिष्ठो भगवान् पितामहम् अपृच्छत
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दैव | दैव | pos=a,comp=y |
| मानुषयोः | मानुष | pos=a,g=n,c=6,n=d |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| स्वित् | स्विद् | pos=i |
| कर्मणोः | कर्मन् | pos=n,g=n,c=6,n=d |
| श्रेष्ठम् | श्रेष्ठ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| उत | उत | pos=i |
| पुरा | पुरा | pos=i |
| वसिष्ठो | वसिष्ठ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भगवान् | भगवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| पितामहम् | पितामह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अपृच्छत | प्रच्छ् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |