महाभारतम् — 13.55.25
Original
Segmented
प्रीति-अर्थम् तव च एतत् मे स्वर्ग-संदर्शनम् कृतम् यत् ते वने अस्मिन् नृपते दृष्टम् दिव्यम् निदर्शनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
स्वर्ग | स्वर्ग | pos=n,comp=y |
संदर्शनम् | संदर्शन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
अस्मिन् | इदम् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
नृपते | नृपति | pos=n,g=m,c=8,n=s |
दृष्टम् | दृश् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
दिव्यम् | दिव्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
निदर्शनम् | निदर्शन | pos=n,g=n,c=1,n=s |