Original

कौतूहलं मे सुमहज्जामदग्न्यं प्रति प्रभो ।रामं धर्मभृतां श्रेष्ठं तन्मे व्याख्यातुमर्हसि ॥ २ ॥

Segmented

कौतूहलम् मे सु महत् जामदग्न्यम् प्रति प्रभो रामम् धर्म-भृताम् श्रेष्ठम् तत् मे व्याख्यातुम् अर्हसि

Analysis

Word Lemma Parse
कौतूहलम् कौतूहल pos=n,g=n,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
सु सु pos=i
महत् महत् pos=a,g=n,c=1,n=s
जामदग्न्यम् जामदग्न्य pos=n,g=m,c=2,n=s
प्रति प्रति pos=i
प्रभो प्रभु pos=a,g=m,c=8,n=s
रामम् राम pos=n,g=m,c=2,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
भृताम् भृत् pos=a,g=m,c=6,n=p
श्रेष्ठम् श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=2,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
व्याख्यातुम् व्याख्या pos=vi
अर्हसि अर्ह् pos=v,p=2,n=s,l=lat