महाभारतम् — 13.24.38
Original
Segmented
पुण्य-अह-वाचनम् दैवे ब्राह्मणस्य विधीयते एतद् एव निरोंकारम् क्षत्रियस्य विधीयते वैश्यस्य च एव वक्तव्यम् प्रीयन्ताम् देवता इति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
अह | अह | pos=n,comp=y |
वाचनम् | वाचन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
दैवे | दैव | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ब्राह्मणस्य | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विधीयते | विधा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
निरोंकारम् | निरोंकार | pos=a,g=n,c=1,n=s |
क्षत्रियस्य | क्षत्रिय | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विधीयते | विधा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
वैश्यस्य | वैश्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
वक्तव्यम् | वच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
प्रीयन्ताम् | प्री | pos=v,p=3,n=p,l=lot |
देवता | देवता | pos=n,g=f,c=1,n=p |
इति | इति | pos=i |