Original

युधिष्ठिर उवाच ।किं परं ब्रह्मचर्यस्य किं परं धर्मलक्षणम् ।किं च श्रेष्ठतमं शौचं तन्मे ब्रूहि पितामह ॥ २४ ॥

Segmented

युधिष्ठिर उवाच किम् परम् ब्रह्मचर्यस्य किम् परम् धर्म-लक्षणम् किम् च श्रेष्ठतमम् शौचम् तत् मे ब्रूहि पितामह

Analysis

Word Lemma Parse
युधिष्ठिर युधिष्ठिर pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
परम् पर pos=n,g=n,c=1,n=s
ब्रह्मचर्यस्य ब्रह्मचर्य pos=n,g=n,c=6,n=s
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
परम् पर pos=n,g=n,c=1,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
लक्षणम् लक्षण pos=n,g=n,c=1,n=s
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
श्रेष्ठतमम् श्रेष्ठतम pos=a,g=n,c=1,n=s
शौचम् शौच pos=n,g=n,c=1,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
पितामह पितामह pos=n,g=m,c=8,n=s