Original

दिवसकरशशाङ्कवह्निदीप्तं त्रिभुवनसारमपारमाद्यमेकम् ।अजरममरमप्रसाद्य रुद्रं जगति पुमानिह को लभेत शान्तिम् ॥ ९८ ॥

Segmented

दिवसकर-शशाङ्क-वह्नि-दीप्तम् त्रिभुवन-सारम् अपारम् आद्यम् एकम् अजरम् अमरम् अ प्रसाद्य रुद्रम् जगति पुमान् इह को लभेत शान्तिम्

Analysis

Word Lemma Parse
दिवसकर दिवसकर pos=n,comp=y
शशाङ्क शशाङ्क pos=n,comp=y
वह्नि वह्नि pos=n,comp=y
दीप्तम् दीप् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
त्रिभुवन त्रिभुवन pos=n,comp=y
सारम् सार pos=n,g=n,c=1,n=s
अपारम् अपार pos=a,g=n,c=1,n=s
आद्यम् आद्य pos=a,g=n,c=1,n=s
एकम् एक pos=n,g=n,c=1,n=s
अजरम् अजर pos=a,g=n,c=1,n=s
अमरम् अमर pos=a,g=n,c=1,n=s
pos=i
प्रसाद्य प्रसादय् pos=vi
रुद्रम् रुद्र pos=n,g=m,c=2,n=s
जगति जगन्त् pos=n,g=n,c=7,n=s
पुमान् पुंस् pos=n,g=m,c=1,n=s
इह इह pos=i
को pos=n,g=m,c=1,n=s
लभेत लभ् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
शान्तिम् शान्ति pos=n,g=f,c=2,n=s