महाभारतम् — 13.14.37
Original
Segmented
विभूषितम् पुण्य-पवित्र-तोयया सदा च जुष्टम् नृप जह्नुकन्यया महात्मभिः धर्म-भृताम् वरिष्ठैः महा-ऋषिभिः भूषितम् अग्नि-कल्पैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विभूषितम् | विभूषय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
पवित्र | पवित्र | pos=n,comp=y |
तोयया | तोय | pos=n,g=f,c=3,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
च | च | pos=i |
जुष्टम् | जुष् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
नृप | नृप | pos=n,g=m,c=8,n=s |
जह्नुकन्यया | जह्नुकन्या | pos=n,g=f,c=3,n=s |
महात्मभिः | महात्मन् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
भृताम् | भृत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
वरिष्ठैः | वरिष्ठ | pos=a,g=m,c=3,n=p |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
ऋषिभिः | ऋषि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
भूषितम् | भूषय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
अग्नि | अग्नि | pos=n,comp=y |
कल्पैः | कल्प | pos=a,g=m,c=3,n=p |