Original

तत्राहमद्भुतान्भावानपश्यं गिरिसत्तमे ।क्षेत्रं च तपसां श्रेष्ठं पश्याम्याश्रममुत्तमम् ॥ २७ ॥

Segmented

तत्र अहम् अद्भुतान् भावान् अपश्यम् गिरि-सत्तमे क्षेत्रम् च तपसाम् श्रेष्ठम् पश्यामि आश्रमम् उत्तमम्

Analysis

Word Lemma Parse
तत्र तत्र pos=i
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
अद्भुतान् अद्भुत pos=a,g=m,c=2,n=p
भावान् भाव pos=n,g=m,c=2,n=p
अपश्यम् पश् pos=v,p=1,n=s,l=lan
गिरि गिरि pos=n,comp=y
सत्तमे सत्तम pos=a,g=m,c=7,n=s
क्षेत्रम् क्षेत्र pos=n,g=n,c=2,n=s
pos=i
तपसाम् तपस् pos=n,g=n,c=6,n=p
श्रेष्ठम् श्रेष्ठ pos=a,g=n,c=2,n=s
पश्यामि दृश् pos=v,p=1,n=s,l=lat
आश्रमम् आश्रम pos=n,g=m,c=2,n=s
उत्तमम् उत्तम pos=a,g=m,c=2,n=s