महाभारतम् — 13.128.34
Original
Segmented
उमा उवाच भगवन् संशयो मे ऽत्र तम् मे व्याख्यातुम् अर्हसि चातुर्वर्ण्यस्य धर्मम् हि नैपुण्येन प्रकीर्तय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उमा | उमा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
भगवन् | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
संशयो | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ऽत्र | अत्र | pos=i |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
व्याख्यातुम् | व्याख्या | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
चातुर्वर्ण्यस्य | चातुर्वर्ण्य | pos=n,g=n,c=6,n=s |
धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
हि | हि | pos=i |
नैपुण्येन | नैपुण्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
प्रकीर्तय | प्रकीर्तय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |