महाभारतम् — 13.123.2
Original
Segmented
रूप-मान-वयः-मान-श्री-मानाः च अपि असंशयम् दिष्ट्या न अभिभवन्ति त्वाम् दैवः ते ऽयम् अनुग्रहः यत् ते भृशतरम् दानाद् वर्तयिष्यामि तत् शृणु
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
रूप | रूप | pos=n,comp=y |
मान | मान | pos=n,comp=y |
वयः | वयस् | pos=n,comp=y |
मान | मान | pos=n,comp=y |
श्री | श्री | pos=n,comp=y |
मानाः | मान | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
असंशयम् | असंशयम् | pos=i |
दिष्ट्या | दिष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
न | न | pos=i |
अभिभवन्ति | अभिभू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
दैवः | दैव | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अनुग्रहः | अनुग्रह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
भृशतरम् | भृशतर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
दानाद् | दान | pos=n,g=n,c=5,n=s |
वर्तयिष्यामि | वर्तय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |