महाभारतम् — 13.111.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच यद् वरम् सर्व-तीर्थानाम् तद् ब्रवीहि पितामह यत्र वै परमम् शौचम् तत् मे व्याख्यातुम् अर्हसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
वरम् | वर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
तीर्थानाम् | तीर्थ | pos=n,g=n,c=6,n=p |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ब्रवीहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
पितामह | पितामह | pos=n,g=m,c=8,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
वै | वै | pos=i |
परमम् | परम | pos=a,g=n,c=1,n=s |
शौचम् | शौच | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
व्याख्यातुम् | व्याख्या | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |