महाभारतम् — 13.106.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच दानम् बहुविध-आकारम् शान्तिः सत्यम् अहिंस-ता स्व-दार-तुष्टिः च उक्ता ते फलम् दानस्य च एव यत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दानम् | दान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
बहुविध | बहुविध | pos=a,comp=y |
आकारम् | आकार | pos=n,g=n,c=1,n=s |
शान्तिः | शान्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
सत्यम् | सत्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अहिंस | अहिंस | pos=a,comp=y |
ता | ता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
दार | दार | pos=n,comp=y |
तुष्टिः | तुष्टि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
उक्ता | वच् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
दानस्य | दान | pos=n,g=n,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |