महाभारतम् — 13.104.4
Original
Segmented
साधुभिः गर्हितम् कर्म चण्डालस्य विधीयते कस्माद् गो रजसा ध्वस्तम् अपाम् कुण्डे निषिञ्चसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
साधुभिः | साधु | pos=a,g=m,c=3,n=p |
गर्हितम् | गर्ह् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
चण्डालस्य | चण्डाल | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विधीयते | विधा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कस्माद् | कस्मात् | pos=i |
गो | गो | pos=i |
रजसा | रजस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
ध्वस्तम् | ध्वंस् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
अपाम् | अप् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
कुण्डे | कुण्ड | pos=n,g=n,c=7,n=s |
निषिञ्चसि | निषिच् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |