Original

राजन्य उवाच ।चण्डाल प्रतिजानीहि येन मोक्षमवाप्स्यसि ।ब्राह्मणार्थे त्यजन्प्राणान्गतिमिष्टामवाप्स्यसि ॥ २६ ॥

Segmented

राजन्य उवाच चण्डाल प्रतिजानीहि येन मोक्षम् अवाप्स्यसि ब्राह्मण-अर्थे त्यजन् प्राणान् गतिम् इष्टाम् अवाप्स्यसि

Analysis

Word Lemma Parse
राजन्य राजन्य pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
चण्डाल चण्डाल pos=n,g=m,c=8,n=s
प्रतिजानीहि प्रतिज्ञा pos=v,p=2,n=s,l=lot
येन येन pos=i
मोक्षम् मोक्ष pos=n,g=m,c=2,n=s
अवाप्स्यसि अवाप् pos=v,p=2,n=s,l=lrt
ब्राह्मण ब्राह्मण pos=n,comp=y
अर्थे अर्थ pos=n,g=m,c=7,n=s
त्यजन् त्यज् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
प्राणान् प्राण pos=n,g=m,c=2,n=p
गतिम् गति pos=n,g=f,c=2,n=s
इष्टाम् इष् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
अवाप्स्यसि अवाप् pos=v,p=2,n=s,l=lrt