Original

जातिस्मरत्वं तु मम केनचित्पूर्वकर्मणा ।शुभेन येन मोक्षं वै प्राप्तुमिच्छाम्यहं नृप ॥ २४ ॥

Segmented

जातिस्मर-त्वम् तु मम केनचित् पूर्व-कर्मणा शुभेन येन मोक्षम् वै प्राप्तुम् इच्छामि अहम् नृप

Analysis

Word Lemma Parse
जातिस्मर जातिस्मर pos=a,comp=y
त्वम् त्व pos=n,g=n,c=1,n=s
तु तु pos=i
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
केनचित् कश्चित् pos=n,g=n,c=3,n=s
पूर्व पूर्व pos=n,comp=y
कर्मणा कर्मन् pos=n,g=n,c=3,n=s
शुभेन शुभ pos=a,g=n,c=3,n=s
येन यद् pos=n,g=n,c=3,n=s
मोक्षम् मोक्ष pos=n,g=m,c=2,n=s
वै वै pos=i
प्राप्तुम् प्राप् pos=vi
इच्छामि इष् pos=v,p=1,n=s,l=lat
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
नृप नृप pos=n,g=m,c=8,n=s