महाभारतम् — 13.104.21
Original
Segmented
स्वाध्यायैः तु महत् पापम् तरन्ति गृहमेधिनः दानैः पृथग्विधैः च अपि यथा प्राहुः मनीषिणः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्वाध्यायैः | स्वाध्याय | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तु | तु | pos=i |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तरन्ति | तृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
गृहमेधिनः | गृहमेधिन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
दानैः | दान | pos=n,g=n,c=3,n=p |
पृथग्विधैः | पृथग्विध | pos=a,g=n,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
यथा | यथा | pos=i |
प्राहुः | प्राह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
मनीषिणः | मनीषिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |