महाभारतम् — 13.104.14
Original
Segmented
सोमम् तु रजसा ध्वस्तम् विक्रीयाद् बुद्धि-पूर्वकम् श्रोत्रियो वार्धुषी भूत्वा चिर-रात्राय नश्यति नरकम् त्रिंशतम् प्राप्य श्व-विष्ठाम् उपजीवति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सोमम् | सोम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
रजसा | रजस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
ध्वस्तम् | ध्वंस् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
विक्रीयाद् | विक्री | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
बुद्धि | बुद्धि | pos=n,comp=y |
पूर्वकम् | पूर्वक | pos=a,g=n,c=2,n=s |
श्रोत्रियो | श्रोत्रिय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वार्धुषी | वार्द्धुषिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भूत्वा | भू | pos=vi |
चिर | चिर | pos=a,comp=y |
रात्राय | रात्र | pos=n,g=m,c=4,n=s |
नश्यति | नश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
नरकम् | नरक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
त्रिंशतम् | त्रिंशत् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
श्व | श्वन् | pos=n,comp=y |
विष्ठाम् | विष्ठा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
उपजीवति | उपजीव् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |