Original

एवं तवोग्रं हि तप उपदेशेन नाशितम् ।पुरोहितत्वमुत्सृज्य यतस्व त्वं पुनर्भवे ॥ ५४ ॥

Segmented

एवम् ते उग्रम् हि तप उपदेशेन नाशितम् पुरोहित-त्वम् उत्सृज्य यतस्व त्वम् पुनर्भवे

Analysis

Word Lemma Parse
एवम् एवम् pos=i
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
उग्रम् उग्र pos=a,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
तप तपस् pos=n,g=n,c=1,n=s
उपदेशेन उपदेश pos=n,g=m,c=3,n=s
नाशितम् नाशय् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
पुरोहित पुरोहित pos=n,comp=y
त्वम् त्व pos=n,g=n,c=2,n=s
उत्सृज्य उत्सृज् pos=vi
यतस्व यत् pos=v,p=2,n=s,l=lot
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
पुनर्भवे पुनर्भव pos=n,g=m,c=7,n=s