Original

निदर्शनमिदं राजञ्शृणु मे भरतर्षभ ।दुरुक्तवचने राजन्यथा पूर्वं युधिष्ठिर ।ब्रह्माश्रमपदे वृत्तं पार्श्वे हिमवतः शुभे ॥ ५ ॥

Segmented

निदर्शनम् इदम् राजञ् शृणु मे भरत-ऋषभ दुरुक्त-वचने राजन् यथा पूर्वम् युधिष्ठिर ब्रह्म-आश्रम-पदे वृत्तम् पार्श्वे हिमवतः शुभे

Analysis

Word Lemma Parse
निदर्शनम् निदर्शन pos=n,g=n,c=2,n=s
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=2,n=s
राजञ् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
शृणु श्रु pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
भरत भरत pos=n,comp=y
ऋषभ ऋषभ pos=n,g=m,c=8,n=s
दुरुक्त दुरुक्त pos=n,comp=y
वचने वचन pos=n,g=n,c=7,n=s
राजन् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
यथा यथा pos=i
पूर्वम् पूर्वम् pos=i
युधिष्ठिर युधिष्ठिर pos=n,g=m,c=8,n=s
ब्रह्म ब्रह्मन् pos=n,comp=y
आश्रम आश्रम pos=n,comp=y
पदे पद pos=n,g=n,c=7,n=s
वृत्तम् वृत् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
पार्श्वे पार्श्व pos=n,g=m,c=7,n=s
हिमवतः हिमवन्त् pos=n,g=m,c=6,n=s
शुभे शुभ pos=a,g=m,c=7,n=s