महाभारतम् — 13.10.16
Original
Segmented
भीष्म उवाच एवम् उक्तवान् तु मुनिना स शूद्रो अचिन्तयत् नृप कथम् अत्र मया कार्यम् श्रद्धा धर्मे परा च मे विज्ञातम् एवम् भवतु करिष्ये प्रियम् आत्मनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एवम् | एवम् | pos=i |
उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
मुनिना | मुनि | pos=n,g=m,c=3,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शूद्रो | शूद्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अचिन्तयत् | चिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
नृप | नृप | pos=n,g=m,c=8,n=s |
कथम् | कथम् | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
कार्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
श्रद्धा | श्रद्धा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
धर्मे | धर्म | pos=n,g=m,c=7,n=s |
परा | पर | pos=n,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
विज्ञातम् | विज्ञा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
एवम् | एवम् | pos=i |
भवतु | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
करिष्ये | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
आत्मनः | आत्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |