महाभारतम् — 13.10.10
Original
Segmented
तत्र कश्चित् समुत्साहम् कृत्वा शूद्रो दया-अन्वितः आगतो हि आश्रम-पदम् पूजितः च तपस्विभिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तत्र | तत्र | pos=i |
कश्चित् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
समुत्साहम् | समुत्साह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
शूद्रो | शूद्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दया | दया | pos=n,comp=y |
अन्वितः | अन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
आगतो | आगम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
हि | हि | pos=i |
आश्रम | आश्रम | pos=n,comp=y |
पदम् | पद | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पूजितः | पूजय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
च | च | pos=i |
तपस्विभिः | तपस्विन् | pos=n,g=m,c=3,n=p |