महाभारतम् — 13.10.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच मित्र-सौहृद-भावेन उपदेशम् करोति यः जात्या अवरस्य राजर्षे दोषः तस्य भवेत् न वा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मित्र | मित्र | pos=n,comp=y |
सौहृद | सौहृद | pos=n,comp=y |
भावेन | भाव | pos=n,g=m,c=3,n=s |
उपदेशम् | उपदेश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जात्या | जाति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
अवरस्य | अवर | pos=a,g=m,c=6,n=s |
राजर्षे | राजर्षि | pos=n,g=m,c=8,n=s |
दोषः | दोष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
न | न | pos=i |
वा | वा | pos=i |