महाभारतम् — 12.94.37
Original
Segmented
अपि सर्वैः गुणैः युक्तम् भर्तारम् प्रिय-वादिनम् अभिद्रुह्यति पाप-आत्मा तस्मात् हि विभिषेज्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अपि | अपि | pos=i |
सर्वैः | सर्व | pos=n,g=m,c=3,n=p |
गुणैः | गुण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
युक्तम् | युज् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
भर्तारम् | भर्तृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
वादिनम् | वादिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
अभिद्रुह्यति | अभिद्रुह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पाप | पाप | pos=a,comp=y |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
हि | हि | pos=i |
विभिषेज् | जन | pos=n,g=m,c=5,n=s |