महाभारतम् — 12.94.34
Original
Segmented
न अकाले प्रणयेद् अर्थान् न अप्रिये जातु संज्वरेत् प्रिये न अति भृशम् हृष्येद् युज्येत् आरोग्य-कर्मणि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
अकाले | अकाल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
प्रणयेद् | प्रणी | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अर्थान् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
न | न | pos=i |
अप्रिये | अप्रिय | pos=a,g=n,c=7,n=s |
जातु | जातु | pos=i |
संज्वरेत् | संज्वर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
प्रिये | प्रिय | pos=a,g=n,c=7,n=s |
न | न | pos=i |
अति | अति | pos=i |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
हृष्येद् | हृष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
युज्येत् | युज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
आरोग्य | आरोग्य | pos=n,comp=y |
कर्मणि | कर्मन् | pos=n,g=n,c=7,n=s |