महाभारतम् — 12.82.9
Original
Segmented
यस्य न स्युः न वै स स्याद् यस्य स्युः कृच्छ्रम् एव तत् द्वाभ्याम् निवारितो नित्यम् वृणोमि एकतरम् न च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
न | न | pos=i |
स्युः | अस् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
न | न | pos=i |
वै | वै | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्याद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
स्युः | अस् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
कृच्छ्रम् | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
द्वाभ्याम् | द्वि | pos=n,g=m,c=3,n=d |
निवारितो | निवारय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
वृणोमि | वृ | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
एकतरम् | एकतर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |