महाभारतम् — 12.8.11
Original
Segmented
आकिंचन्यम् अनाशास्यम् इति वै नहुषो ऽब्रवीत् कृत्या नृशंसा हि अधने धिग् अस्तु अधन-ताम् इह
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आकिंचन्यम् | आकिंचन्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अनाशास्यम् | अनाशास्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| वै | वै | pos=i |
| नहुषो | नहुष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| कृत्या | कृत्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| नृशंसा | नृशंस | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| अधने | अधन | pos=a,g=m,c=7,n=s |
| धिग् | धिक् | pos=i |
| अस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| अधन | अधन | pos=a,comp=y |
| ताम् | ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| इह | इह | pos=i |